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                               महाबळेश्वर

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महाबळेश्वर,  महाराष्ट्र का एक सुंदर हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, झरनों, हरी-भरी

 घाटियों और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान खासकर मानसून और सर्दियों के मौसम में

 घूमने के लिए बेहतरीन माना जाता है।

 महाबलेश्वर घने जंगलों और अपनी खूसबूरत जगहों के लिए पर्यटकों के बीच बेहद


 लोकप्रिय है। महाबलेश्वर कभी देश में ब्रिटिश राज के समय बॉम्बे की ग्रीष्मकालीन


 राजधानी हुआ करता था।


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इस खूबसूरत जगह तक पहुँचने के लिए एक छोटे से ट्रैकिंग पॉइंट को पार करना  पड़ता


 है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध इस मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा


 समय मानसून के मौसम के दौरान होता है, जब यहां की ठंडी-ठंडी हवाएं इस जगह को


 और अनोखा बना देती हैं।


आप मंदिर के आसपास स्थित हस्तशिल्प की दुकानों से सुंदर स्मृति चिन्ह भी खरीद


 सकते हैं। महाबलेश्वर की यात्रा में आपको पंचगंगा मंदिर को जरूर देखना चाहिए।


महाबलेश्वर मंदिर भारत के सबसे पवित्र और धार्मिक स्थलों में से एक है। इसे 16 वीं


 शताब्दी में शासन करने वाले मराठा साम्राज्य की महिमा और समृद्ध विरासत का सही


 प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतीक के रूप में माना जाता है। 


महाबलेश्वर मंदिर शहर से 6 किलोमीटर दूर स्थित है और इसे महाबली के नाम से जाना


 जाता है। महाबलेश्वर मंदिर हिंदू देवता शिव की पूजा के लिए समर्पित है और इसका


 निर्माण 'चंदा राव मोरे' वंश द्वारा किया गया था। मंदिर के भीतरी भाग में भगवान शिव


 की मूर्ति के साथ गर्भगृह है। 


मंदिर


इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण शिव लिंगम है जो 6 फीट लंबा है। मंदिर की


 वास्तुकला दक्षिण भारत की हेमदंत स्थापत्य शैली को दर्शाती है।

महाबलेश्वर में कैसे पहुंचे?

हवाई मार्ग ✈✈✈ 

महाबलेश्वर, पुणे हवाई अड्डे से 130 किलोमीटर और मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 271

 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग 🚂🚂🚂

महाबलेश्वर पुणे रेलवे स्टेशन से 124 किलोमीटर, सतारा रेलवे स्टेशन से 61 किलोमीटर और

 कोल्हापुर रेलवे स्टेशन से 178 किलोमीटर दूर है।

सड़क मार्ग 🚗🚌🚗

महाबलेश्वर पुणे से 121 किलोमीटर, सतारा से 56.6 किलोमीटर और कोल्हापुर से 178 किलोमीटर दूर है।

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महाबलेश्वर में घूमने के लिए खूबसूरत जगहें। 

महाबलेश्वर मंदिर


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महाबलेश्वर शहर का नाम भगवान शिव (महाबली) के नाम पर पड़ा है, यह मंदिर पुराने महाबलेश्वर

 में स्थित है, जिसे क्षेत्र महाबलेश्वर के नाम से जाना जाता है। यह मश्वर शहर से 5 किलोमीटर की

 दूरी पर स्थित है। यहाँ कई मंदिर हैं, जिनमें से एक कृष्णाबाई मंदिर है, जो 13वीं शताब्दी में बना

 सबसे पुराना मंदिर है। यहाँ से पाँच पवित्र नदियाँ कृष्णा, वेन्ना, कोयना, सावित्री और गायत्री

 निकलती हैं, जिन्हें "पंचगंगा मंदिर" कहा जाता है।

कोल्हापूर श्री महालक्ष्मी (अंबाबाई )

कृष्णाबाई मंदिर 


कृष्णाबाई मंदिर

कृष्णबाई मंदिर का निर्माण 1888 में किया गया था, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस खूबसूरत

 जगह तक पहुँचने के लिए एक छोटे से ट्रैकिंग पॉइंट को पार ककरण पड़ता है। अपनी प्राकृतिक

 सुंदरता के लिए प्रसिद्ध इस मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय मानसून के मौसम के

 दौरान होता है, जब यहां की ठंडी-ठंडी हवाएं इस जगह को और अनोखा बना देती हैं।


पंचगंगा मंदिर

पंचगंगा मंदिर

पंचगंगा मंदिर महाबलेश्वर में सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है, इसे देवगिरी के यादवों

 के राजा राजा सिंह देव द्वारा 13 वीं शताब्दी में बनवाया था। इसमें गौमुखी नामक एक पत्थर का

 जलकुंड है, जहां से माना जाता है कि पांच नदियों का उद्गम होता है।

फॉकलैंड पॉइंट, लिंगमाला जल प्रपात और बॉम्बे पॉइंट


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महाबलेश्वर में सैलानी फॉकलैंड पॉइंट, लिंगमाला जल प्रपात और बॉम्बे पॉइंट भी देख सकते हैं.

फॉकलैंड पॉइंट एक गहरी घाटी है। सूर्यास्त के समय देखने पर यह और भी अधिक सुन्दर हो जाता

 है। जहां से आप सूर्यास्त और सूर्योदय का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। बॉम्बे प्वाइंट महाबलेश्वर

 का प्रसिद्ध पॉइंट माना जाता हैं।  सभी पर्यटक यहाँ खूबसूरत प्राकृतिक प्रकाश शो यानी सूर्यास्त

 देखने के लिए इकट्ठा होते हैं, जिसे 'सनसेट पॉइंट' के नाम से जाना जाता है। लिंगमाला जल

प्रपात यह बहुत अच्छा पिकनिक स्थल है, जो पंचगा रोड पर स्थित वेन्ना झील के नजदीक है।

आर्थर सीट

आर्थर सीट

यह महाबलेश्वर का प्रसिद्ध स्थान है। बाईं ओर कोंकण में सावित्री की गहरी घाटी और दाईं ओर

 दक्कन के "ब्रम्हारण्य" नामक घने जंगल का मनमोहक दृश्य आपको सब कुछ भूला देता है और

 अगर मौसम साफ हो तो आप रायगढ़ किला और तोरण किला भी देख सकते हैं। इस मार्ग पर

 कई बिंदु हैं जैसे टाइगर स्प्रिंग, इको पॉइंट एल्पनिस्टन पॉइंट और कई अन्य हिल स्टेशन हैं। 

इको पॉइंट

इको पॉइंट

आर्थर्स पॉइंट के रास्ते में आपको इको पॉइंट का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलेगा। गहरी घाटियाँ

 और पहाड़ों की तीखी चोटियाँ।

वेन्ना झील

वेन्ना झील

28 एकड़ क्षेत्रफल वाली और औसतन 10 फीट गहरी वेन्ना झील का निर्माण 1842 में सतारा के

 राजा चौ. अप्पासाहेब महाराज ने करवाया था और यह बारहमासी झरनों से भरी हुई है। यह न

 केवल पहाड़ी की चोटी की खूबसूरती बढ़ाती है, बल्कि सीधे और परोक्ष रूप से नीचे काफी दूर

 तक फैले छोटे बगीचों की कतार को पानी देती है। झील के आसपास का इलाका हरियाली और

 फूलों से भरा हुआ है। खास तौर पर ठंडे पानी में जब पानी की मात्रा काफी होती है, तो यह देखने

 लायक जगह है। यह पंचगनी रोड पर एसटी स्टैंड से 2 किमी दूर स्थित है। सुबह का समय शांति

 का अनुभव करने के लिए यह जगह बिल्कुल आदर्श है। यह हरियाली से घिरा स्थान है जो आराम

 करने और तस्वीरें लेने के लिए एक बेहतरीन जगह है।

तपोला 

तपोला

तपोला को मिनी कश्मीर भी कहा जाता है। वहीं कुछ लोग इसे शिवसागर झील के नाम से भी जानते

 हैं। यह जगह अपनी सुंदरता और जंगल ट्रेक के लिए पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है।

एलिफेंट हेड पॉइंट

एलिफेंट हेड पॉइंट

अगर आप इस जगह को गौर से देखें, तो यह हाथी के सिर और पीठ के समान दिखेगी। इसे

 नीडल होल पॉइंट के रूप में भी जाना जाता है। पर्याप्त हरियाली और प्राकृतिक आकर्षण के साथ

 यह शानदार पहाड़ी स्थान पर्यटकों के लिए महाबलेश्वर में एक दिन का आंनद लेने के लिए

 शानदार जगह है।

महाबलेश्वर मे क्या खाना चाहिए और क्या खरीदना चाहिए?


स्ट्रॉबेरी

महाबलेश्वर अपनी स्ट्रॉबेरी के लिए मशहूर है। महाबलेश्वर की ज़रूरी चीज़ों में खेत से आने वाली

 ताज़ी स्ट्रॉबेरी और रसभरी शामिल हैं, जिनके लिए यह शहर जाना जाता है। इसके अलावा आप

 घर पर जेली, शहद, जैम और भी बहुत कुछ ले जा सकते हैं।


टाउन बाज़ार से हस्तशिल्प, चमड़े की चीज़ें, कोल्हापुरी जूते और भी बहुत कुछ खरीदा जा सकता

 है।

महाबलेश्वर में  घूमने के लिए टैक्सी सेवाएँ होती हैं। 

महाबलेश्वर में स्थानीय घूमने या आसपास के क्षेत्रों में जाने के लिए टैक्सी सेवाएँ आसानी से उपलब्ध हैं।

 आप निम्नलिखित सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। 

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