वित्त मंत्री सीतारमण कि बजट स्पीच में 10 बड़े ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 प्रस्तुत किया, जिसमें आम जनता के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। यहाँ बजट के 10 प्रमुख ऐलानों का सारांश प्रस्तुत किया जाता हैं।
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- आयकर में राहत:
नई आयकर व्यवस्था के तहत, 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। 25 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को 1,10,000 रुपये का कर लाभ मिलेगा।
- कृषि विकास के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना:
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की घोषणा की गई है, जिससे 1.75 करोड़ किसानों को लाभ होगा।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश:
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए 98,311 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे चिकित्सा देखभाल और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस:
शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से नवाचार को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा:
गिग वर्कर्स को पहचान पत्र प्रदान किए जाएंगे और उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा, जिससे वे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस कदम से लगभग 1 करोड़ गिग वर्कर्स को फायदा होगा।
- बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश:
बीमा कंपनियों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा बढ़ाकर 100% कर दी गई है, बशर्ते कि वे पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करें।
- हरित ऊर्जा को बढ़ावा:
सतत विकास के लिए अक्षय ऊर्जा मंत्रालय को 26,550 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाएगा।
- स्टार्टअप्स के लिए कर लाभ:
स्टार्टअप्स के लिए कर लाभ प्राप्त करने की अवधि को 5 वर्ष तक बढ़ा दिया गया है, जिससे नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा।
- शिक्षा ऋण पर टीसीएस हटाया गया:
विशिष्ट वित्तीय संस्थानों से लिए गए 10 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण पर स्रोत पर कर संग्रह (TCS) हटा दिया गया है, जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण लेना आसान होगा।
- किराये पर टीडीएस सीमा में वृद्धि:
किराये के लिए वार्षिक स्रोत पर कर कटौती (TDS) की सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे किरायेदारों को राहत मिलेगी।